Está en la página 1de 1
भजहु रे मन शी ननद ननदन अभय चरण अरिवनद रे दुलरभ मानव जनम सत संग तरवाहे भव िसनधु रे शीत आतप वात विरषण ये िदन यािमनी जाग रे िवफल सेिवन कृपण दुजरन चपल सुख लाभ लाग रे शवण कीतरन समरण वनदन पाद सेवन दासय रे पूजन सखी जन आतम िनवेदन गोिवनद दास अिभलाष रे

También podría gustarte